Saturday, March 28, 2015

Misc - Here and there

 

मुझसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तो की तरह.....,
जो जीता उसने भी फैंका.....
और जो हारा उसने भी फैंका.......!!

 

 

दो शब्दो मे सीमटी है मेरी मोहब्बत की दास्तान..
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये..

 

 

हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते हैं,
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं .......

 

ये तेरा वहम है कि हम तुझको भूल जायेंगे...
वो तेरा शहर होगा जहा बे-वफा बसते होंगे.!!

 

 

No comments:

Post a Comment